नई दिल्ली, 10 जून 2025। कहानी बहुत सामान्य है पर प्रेरणादायी है। यह कहानी किसान की बेटी प्रीति की है जिसके पिता ने कभी स्कूल का मुंह नहीं देखा पर बेटी को आईएएस अफसर बना दिया। कर्नाटक के एक छोटे से गांव से आने वाली प्रीति ने यह साबित कर दिया कि मेहनत सच्ची हो तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता। प्रीति ने बगैर कोचिंग के ही सफलता हासिल कर अपने सपनों को पूरा किया। उनकी कहानी सभी के लिए प्रेरणा है।
प्रीति कर्नाटक के मैसूरु जिले के मायिगौडनहल्ली गांव की रहने वाली हैं। उनके पिता चन्नबसप्पा पार्ट टाइम कुक हैं और खेतों में काम करते हैं। पढ़ाई का उन्हें कोई अनुभव नहीं था लेकिन उन्होंने अपनी बेटी को पढ़ाने के लिए हर मुमकिन कोशिश की। खेतों में पानी देते वक्त जब उन्हें UPSC रिजल्ट की खबर मिली, तो उनकी आंखें खुशी से छलक उठीं।
तीसरे प्रयास में प्रीति को मिली सफलता
- प्रीति की शुरुआती पढ़ाई कन्नड़ मीडियम स्कूल से हुई।
- उन्होंने केआर नगर पीयू कॉलेज से आगे की पढ़ाई की।
- इसके बाद मंडया के कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर से बीएससी किया।
- फिर वह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) गईं और यहां से एमएससी पूरा किया।
- इसके बाद उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू की।
- प्रीति ने बगैर कोचिंग ही तैयारी शुरू की थी।
- पहले दो प्रयासों में उन्हें सफलता नहीं मिली लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
- तीसरे प्रयास में उन्होंने UPSC CSE 2024 में 263वीं रैंक प्राप्त कर इतिहास रच दिया।