अमेठी, 9 मई 2025। अमेठी जिले में राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान एवं संस्था सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) के सहयोग से तिलोई ब्लॉक के कमई आयुष्मान आरोग्य मंदिर में फाइलेरिया रोगियों को रुग्णता प्रबन्धन और दिव्यान्गता उपचार (एमएमडीपी) प्रशिक्षण दिया गया। 11 फाइलेरिया रोगियों को एमएमडीपी किट वितरित की गयी ।
प्रशिक्षक और पेशेंट स्टेकहोल्डर प्लेटफोर्म (पीएसपी) की सदस्य सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) मोहिनी गुप्ता ने बताया कि फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाली संक्रामक और लाइलाज बीमारी है। यह लटकने वाले अंगों जैसे हाथ, पैर, महिलाओं के स्तन और पुरुषों के जननांगों को प्रभावित करती है। समुचित देखभाल के अभाव में व्यक्ति दिव्यांग हो जाता है।
उन्होंने बताया कि फाइलेरिया प्रभावित अंगों की साफ-सफाई और समुचित देखभाल करने से बीमारी बढ़ने नहीं पाती है और सूजन नियंत्रित रहती है। उन्होंने कहा कि एमएमडीपी किट के तहत तौलिया, मग, टब , साबुन, बाल्टी और एंटीसेप्टिक क्रीम का उपयोग फाइलेरिया प्रभावित अंगों की देखभाल के लिए करें।
कभी भी साबुन को सीधे अंग पर न मलें बल्कि दोनों हाथों से रगड़कर फेना बना लें और फेने को अंग पर हल्के हाथों से रगड़ें। फिर साफ पानी से धो लें और हल्के हाथों से तौलिये से पोंछें। यदि अंग पर कोई घाव है तो अच्छे से सुखाकर एंटीसेप्टिक क्रीम उस पर लगायें।
सीएचओ ने फाइलेरिया प्रभावित अंगों में सूजन को नियंत्रित करने के लिए व्यायाम करके दिखाया और कहा कि नियमति व्यायाम से सूजन बढ़ती नहीं है। इस मौके पर सीएचओ- पीएसपी के सदस्य ग्राम प्रधान विजय कुमार, कोटेदार महंत, आशा संगिनी सुषमा मिश्रा, आशा कार्यकर्ता गंगावती, सुषमा वर्मा, शीला और माधुरी, बेसिक हेल्थ वर्कर राहुल सिंह, 11 फाइलेरिया मरीज और संस्था सीफॉर के सदस्य मौजूद रहे।