Join US

तप और भक्ति से असंभव को भी किया जा सकता है संभव

By
Published On:
Follow Us

प्रतापगढ़, 6 मई 2025। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के मंसाराम का पुरवा गांव में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ में भक्तों का उत्साह चरम पर रहा। सैकड़ों ग्रामीणों ने इस पवित्र आयोजन में भाग लिया और भगवान की कथा का रसपान किया। कुलगुरु राकेश शुक्ल ने कथा सुनाते हुए बालक ध्रुव की तपस्या और भक्ति की गाथा सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

श्री शुक्ल ने बताया कि बालक ध्रुव को उनके पिता द्वारा तिरस्कृत किए जाने पर उनकी माता से अनुमति लेकर वे भगवत प्राप्ति के लिए तपस्या हेतु वन की ओर निकल पड़े। रास्ते में उनकी भेंट महर्षि नारद से हुई, जिन्होंने ध्रुव को द्वादश मंत्र की दीक्षा दी और वृंदावन में भगवान की साधना करने का निर्देश दिया।

ध्रुव ने छह माह तक भूख-प्यास को त्यागकर घनघोर तपस्या की। उनकी इस कठोर साधना से प्राणवायु रुक गई और समस्त जगत में हाहाकार मच गया। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान नारायण स्वयं ध्रुव के समक्ष प्रकट हुए और उन्हें अचल राज्य का आशीर्वाद दिया।

आज भी ध्रुव तारा के रूप में आकाश मंडल में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं, जो यह संदेश देता है कि । तप और भक्ति से असंभव को भी संभव किया जा सकता है।

कुलगुरु ने श्रीमद् भागवत कथा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह कथा न केवल आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करती है, बल्कि जीवन को सही दिशा देने के लिए आचरण और नैतिकता पर बल देती है।

कथा श्रवण करने वाले व्यक्ति को संयम, शुद्धता और भक्ति के मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कथा के विधान पर विस्तार से चर्चा करते हुए श्रोताओं को इसके नियमों और आचरणों का पालन करने की सलाह दी।

यह कथा मंसाराम पुरवा निवासी कृपाशंकर मिश्र और उमाशंकर मिश्र के यहां हो रही है। आयोजन में ग्रामीण अंचल से सैकड़ों लोग प्रतिदिन शामिल हो रहे हैं। कथा स्थल पर भक्ति और उत्साह का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह के आयोजन से न केवल धार्मिक भावनाएं प्रबल होती हैं, बल्कि सामाजिक एकता भी मजबूत होती है।

आयोजन में प्रमुख रूप से ओमप्रकाश दुबे, अनंत मिश्रा, माता फेर मिश्र, दिनेश तिवारी, राम संवारे तिवारी, मोहित मिश्रा, रविंद्र धर दुबे, रमेश पांडेय, जयप्रकाश दुबे सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे। कथा स्थल पर भजनों और भक्ति संगीत ने वातावरण को और अधिक पवित्र बना दिया। ग्रामीणों ने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा का यह आयोजन उनके लिए एक आध्यात्मिक यात्रा के समान है, जो उन्हें जीवन के सत्य और भक्ति के मार्ग से जोड़ता है।

कथा व्यास राकेश शुक्ल ने अंत में सभी से आह्वान किया कि वे ध्रुव की तरह दृढ़ संकल्प और भक्ति के साथ अपने जीवन को सार्थक बनाएं।

Ramesh Pandey

मेरा नाम रमेश पाण्डेय है। पत्रकारिता मेरा मिशन भी है और प्रोफेशन भी। सत्य और तथ्य पर आधारित सही खबरें आप तक पहुंचाना मेरा कर्तव्य है। आप हमारी खबरों को पढ़ें और सुझाव भी दें।

For Feedback - editorasr24@gmail.com
Join Our WhatsApp Channel