कुंडा (प्रतापगढ़), 4 जून 2025। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के कुंडा विधानसभा क्षेत्र स्थित दिलेरगंज गांव एक बार फिर यौन हिंसा और जातिगत अत्याचार की आग में झुलस रहा है। गांव की दलित बालिकाओं और महिलाओं पर लगातार हो रहे अत्याचारों के चलते ग्रामीणों में आक्रोश है। मुख्य आरोपी शारिफ के खिलाफ कई गंभीर आरोप होने के बावजूद पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता ने कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
गांव का शारिफ नामक युवक, जो पहले से ही दलित बालिका से दुष्कर्म के एक मामले में पुलिस रिकार्ड में वांछित है, एक बार फिर उसी तरह की घटना को अंजाम देकर क्षेत्र में भय का माहौल बना चुका है।
ताजा मामले में शारिफ पर आरोप है कि उसने एक और दलित बालिका को बहला-फुसलाकर दिल्ली ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया और मतांतरण कराने की कोशिश भी की। यह घटना न केवल पीड़िता और उसके परिवार के लिए भयावह है, बल्कि यह प्रशासन की लापरवाही का जीवंत उदाहरण भी बन चुकी है।
गांव के दलित समुदाय में इस समय गहरा आक्रोश और असुरक्षा की भावना है। ग्रामीणों का कहना है कि शारिफ और उसके सहयोगी पिछले कुछ महीनों में कई दलित बालिकाओं और महिलाओं को निशाना बना चुके हैं। बावजूद इसके, पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं करना जातीय भेदभाव और राजनीतिक संरक्षण की ओर इशारा करता है।
ग्रामीणों का कहना है, अगर आरोपी किसी प्रभावशाली वर्ग से आता है, तो पुलिस हाथ पर हाथ रखे बैठी रहती है। ये सब देखकर कानून पर से भरोसा उठता जा रहा है। इस मामले में पुलिस की ढिलाई से जिला प्रशासन और योगी सरकार की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। अगर जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर कठोर कार्रवाई नहीं की गई, तो यह प्रकरण सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को खोखला साबित कर सकता है।
लोगों की प्रशासन से मांग की है कि शारिफ को तत्काल गिरफ्तार कर पॉक्सो एक्ट, अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम और मतांतरण विरोधी कानूनों के तहत मुकदमा चलाया जाए। पीड़िता को पूर्ण सुरक्षा और मनोवैज्ञानिक सहायता दी जाए। जांच निष्पक्ष एजेंसी से कराई जाए ताकि कोई भी राजनीतिक या प्रशासनिक दबाव न हो।