नई दिल्ली, 25 मई 2025। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 24 मई को विकसित कृषि संकल्प अभियान की तैयारियों की समीक्षा की। 29 मई को इस अभियान की शुरुआत श्री जगन्नाथ की पावन धरती पुरी, ओडिशा से होगी। कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने पूसा कैंपस स्थित सुब्रहमण्यम हॉल में देशभर के कृषि वैज्ञानिकों से संवाद किया।
इस अवसर पर कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी, आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. एम.एल. जाट, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सभी 113 संस्थानों, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के साथ ही देशभर के 731 कृषि विज्ञान केंद्रों व केंद्र-राज्यों के कृषि विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों-प्राध्यापकों ने बड़ी संख्या में सभागार में उपस्थित रहकर और वर्चुअल जुड़कर इस संवाद कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। छत्तीसगढ़ से डॉ पीके राय वर्चुअल माध्यम से बैठक में शामिल हुए।
शिवराज सिंह ने कहा कि उर्वरक का संतुलित प्रयोग, स्थानीय परिस्थिति, सही शोध जानकारी होने और अच्छे बीजों से किसान को उत्पादकता बढ़ाने में निश्चित तौर पर मदद मिल सकती है। उन्होंने कहा कि इस अभियान के जरिए इसे पूरा करते हुए किसानों से जुड़ने की एक बड़ी कोशिश होने जा रही है।
श्री चौहान ने कहा कि सरकार की पूरी कोशिश कृषि अनुसंधान को आगे बढ़ाने की है। शोध और अनुसंधान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में फंड की कमी नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि हमारे कृषि संस्थानों में वो ताकत है, जिसका लोहा पूरी दुनिया मानेगी।
वैज्ञानिकों के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस अभियान के पूरा होने के बाद देश, वैज्ञानिकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करेगा। यह अभियान 29 मई से 12 जून तक देशव्यापी स्तर पर आयोजित किया जा रहा है, जिसमें वैज्ञानिकों की टीमें गांव-गांव जाकर किसानों से सीधा संवाद करेगी।
इस अभियान में 731 कृषि विज्ञान केंद्रों और कृषि अनुसंधान परिषद के 113 संस्थानों के वैज्ञानिक-विशेषज्ञ तथा राज्यों और अन्य कृषि विभाग का अमला भी शामिल रहेंगे। यह अभियान 700 से ज्यादा जिलों में आयोजित किया जाएगा। साथ ही इसमें कृषि, बागवानी, पशुपालन, मछली पालन आदि विभागों के अधिकारी, वैज्ञानिक एवं नवोन्मेषी किसान भी शामिल रहेंगे। अभियान का लक्ष्य 1.5 करोड़ किसानों से सीधा संवाद करना है।