नई दिल्ली, 7 मई 2025। भारत ने आतंकवाद के खिलाफ एक बार फिर अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। बुधवार को तड़के भारतीय सशस्त्र बलों ने नौ आतंकी शिविरों को निशाना बनाया, जो 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार थे, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी।
इस ऑपरेशन को भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना के समन्वित प्रयासों के साथ अंजाम दिया गया, जिसे सरकार ने फोकस्ड, मापा हुआ और गैर-उत्तेजक करार दिया। किसी भी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया, जो भारत की संयमित रणनीति को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की एक अहम बैठक बुलाई, जिसमें उन्होंने ऑपरेशन की जानकारी साझा की। पीएम मोदी ने इसे परफेक्ट स्ट्राइक बताते हुए कहा कि यह भारत के लिए गर्व का क्षण है। उन्होंने मंत्रियों को बताया कि चार हमले पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में और पांच PoK में किए गए। कैबिनेट मंत्रियों ने मेज ठोककर इस फैसले का स्वागत किया और पीएम मोदी के नेतृत्व की सराहना की।
बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी सहित अन्य प्रमुख मंत्री मौजूद थे। मंत्रियों ने एक स्वर में कहा कि यह ऑपरेशन पहलगाम हमले का जवाब देने के साथ-साथ आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाता है।
बैठक के बाद, पीएम मोदी ने राष्ट्रपति भवन पहुंचकर राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को ऑपरेशन सिंदूर की पूरी जानकारी दी। राष्ट्रपति भवन के आधिकारिक बयान में कहा गया कि पीएम ने राष्ट्रपति को ऑपरेशन के उद्देश्य, कार्यान्वयन और परिणामों के बारे में विस्तार से बताया। राष्ट्रपति मुर्मू ने सशस्त्र बलों की साहसिक कार्रवाई की सराहना की और इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया।
इसके साथ ही, सरकार ने गुरुवार, 8 मई को सुबह 11 बजे संसद भवन के पुस्तकालय भवन में सर्वदलीय बैठक बुलाने की घोषणा की है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इस बैठक में विपक्षी दलों को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में विस्तार से बताया जाएगा।
यह कदम सरकार की पारदर्शिता और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर व्यापक सहमति बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। विपक्षी नेताओं ने पहले ही ऑपरेशन को समर्थन देने की बात कही है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा, हमारी सेनाओं पर गर्व है। जय हिंद! वहीं, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद भारत के पास कोई और विकल्प नहीं था।
ऑपरेशन सिंदूर के तहत निशाना बनाए गए ठिकानों में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के शिविर शामिल थे। मुरिदके और बहावलपुर जैसे क्षेत्रों में हमले किए गए, जो आतंकी संगठनों के गढ़ माने जाते हैं।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि ये हमले खुफिया जानकारी के आधार पर किए गए, जिनमें नागरिकों को कोई नुकसान नहीं हुआ।
गृह मंत्री अमित शाह ने सीमावर्ती राज्यों के मुख्यमंत्रियों और पुलिस महानिदेशकों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की, जिसमें जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, सिक्किम और पश्चिम बंगाल शामिल थे।
इस बीच, पाकिस्तान ने इन हमलों को युद्ध की कार्रवाई करार दिया है, जिसके जवाब में भारत ने स्पष्ट किया कि यह आतंकवाद के खिलाफ लक्षित कार्रवाई थी।
ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल भारत की सैन्य ताकत को प्रदर्शित किया, बल्कि राष्ट्रीय एकता और आतंकवाद के खिलाफ कठोर नीति को भी रेखांकित किया। यह कार्रवाई पहलगाम के शहीदों को श्रद्धांजलि और आतंकवाद के खिलाफ भारत की अटल प्रतिबद्धता का प्रतीक है।