रायपुर, 17 जून 2025। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के निकट गुमा उरला गांव में मंदिर निर्माण के नाम पर 75 एकड़ भूमि पर अवैध प्लॉटिंग का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां निजी कंपनियों द्वारा 200 साल पुराने मंदिर के नाम पर व्यावसायिक भूखंडों की बुकिंग की जा रही है। यह कार्य न केवल गैरकानूनी है, बल्कि ग्रामीणों की आस्था और अधिकारों का भी दुरुपयोग है।
सूत्रों के अनुसार, 51 एकड़ भूमि का निजी कंपनियों के व्यक्तियों के नाम पर है। मंदिर के नाम पर एक बड़े समारोह में प्लॉट्स की बुकिंग शुरू की गई। आयोजकों ने मीडिया के सवालों पर बुकिंग से इनकार किया, लेकिन बुकिंग की गतिविधियां साफ दिखीं। ग्रामीणों में इस बात को लेकर भारी आक्रोश है।
उनका कहना है कि गांव की जमीन, जिसमें 5 एकड़ सरकारी घास जमीन और धरसा शामिल है, को हड़पकर व्यावसायिक मुनाफा कमाया जा रहा है। चिंताजनक है कि प्रशासन की ओर से अब तक कोई जांच या कार्रवाई नहीं हुई। यह सवाल उठता है कि क्या प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं, या इसमें मिलीभगत है? भू-माफियाओं और संभावित राजनैतिक संरक्षण के बीच गठजोड़ की आशंका जताई जा रही है।
भूमि विकास अधिनियम के तहत बिना डायवर्शन के प्लॉटिंग अवैध है। ग्रामीणों ने त्वरित कार्रवाई की मांग की है और आंदोलन की चेतावनी दी है। यह मामला धार्मिक भावनाओं और गांव के संसाधनों के दुरुपयोग का गंभीर उदाहरण है। प्रशासन की चुप्पी सवालों के घेरे में है। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो यह सामाजिक और राजनैतिक आंदोलन का रूप ले सकता है।