जशपुर, 7 जून 2025। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में पुलिस ने अनोखी पहल की है। एसएसपी शशि मोहन सिंह ने गौ तस्करों से जब्त वाहनों की नीलामी कराकर प्राप्त धनराशि राज्य सरकार के राजस्व खाते में जमा कराने का फैसला किया है। यह राशि 4 करोड़ रुपये के करीब होगी।
बता दें एसएसपी शशि मोहन सिंह के नेतृत्व में जनवरी 2024 से अब तक ऑपरेशन शंखनाद के तहत 85 प्रकरणों में 123 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इस दौरान 900 से अधिक गौवंशों को तस्करी से बचाया गया है, जो एक बड़ी उपलब्धि है। गौ-तस्करी में मुख्य रूप से पिकअप वाहन और ट्रकों का उपयोग किया जा रहा था, जिनमें से 46 वाहनों को पुलिस ने जप्त किया है। इन वाहनों की अनुमानित कीमत लगभग 4 करोड़ रुपये आंकी गई है।
पुलिस की इस कार्रवाई में अधिकांश जप्त वाहन झारखंड रजिस्ट्रेशन के पाए गए हैं। अब तक 21 वाहनों को राजसात (जब्तीकरण) किया जा चुका है, जबकि शेष वाहनों की राजसात प्रक्रिया जारी है। एसएसपी शशि मोहन सिंह के प्रतिवेदन के आधार पर 18 प्रकरणों में 21 वाहनों को कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी द्वारा राजसात किया गया है। वाहन मालिकों को अपना पक्ष रखने का पूरा अवसर दिया गया था। आने वाले दिनों में इन वाहनों की नीलामी की जाएगी, और इससे प्राप्त राशि को शासकीय खजाने में जमा किया जाएगा।
हाल के कुछ मामलों में, पिकअप वाहन क्रमांक JH 01 FN-4830 के मालिक मो. जलालुद्दीन (पिता मो. फनुद्दीन, साईंटांगरटोली), पिकअप वाहन क्रमांक JH 01 FM-4170 के मालिक मो. मोगेरह अंसारी (पिता मो. मेराज अंसारी, रहमत नगर, सिसई), छोटा हाथी पिकअप वाहन क्रमांक JH 01 EU-9753 के मालिक नंदू गंझू (पिता बंधन गंझू, कनाडीह, बुर्मू, रांची), और पिकअप वाहन क्रमांक JH 01 FE-7395 के मालिक कामरान फरास (लपराटोली, थाना भरनो, गुमला, झारखंड) के वाहनों को राजसात किया गया है। ये सभी व्यक्ति अपने वाहनों के माध्यम से गौ-वंश की तस्करी में शामिल थे।
एसएसपी शशि मोहन सिंह ने जिले के सभी थाना और चौकी प्रभारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि गौ-तस्करी जैसे अवैध गतिविधियों में लिप्त व्यक्तियों के खिलाफ त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही, पुराने मामलों में फरार चल रहे गौ-तस्करों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। इस अभियान के तहत पुलिस ने न केवल गौवंशों को बचाया, बल्कि तस्करों के नेटवर्क को भी कमजोर करने में सफलता हासिल की है।
जशपुर पुलिस की इस कार्रवाई को स्थानीय लोगों ने सराहा है। गौ-तस्करी के खिलाफ इस अभियान से न केवल पशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित हुई है, बल्कि अवैध गतिविधियों पर भी लगाम लगी है। पुलिस का यह अभियान निरंतर जारी रहेगा, और भविष्य में भी ऐसी कार्रवाइयों को और तेज किया जाएगा।
एसएसपी शशि मोहन सिंह ने कहा कि गौ-तस्करी के खिलाफ उनकी प्रतिबद्धता अटल है। पुलिस द्वारा निगरानी बढ़ाई गई है, और सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष चौकसी बरती जा रही है। इस तरह की कार्रवाइयों से गौ-तस्करों में डर पैदा हुआ है, और भविष्य में भी इस अभियान को और प्रभावी बनाया जाएगा।