प्रतापगढ़, 13 मई 2025। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए एक नया अध्याय शुरू हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘एक जिला एक उत्पाद’ (ODOP) योजना के तहत प्रतापगढ़ में खाद्य प्रसंस्करण को शामिल करने की घोषणा की है, जिससे स्थानीय उद्यमियों, किसानों और छोटे व्यवसायियों के लिए आय वृद्धि और रोजगार सृजन के नए अवसर खुल गए हैं।
अब तक प्रतापगढ़ जिला ODOP योजना में केवल आंवला उत्पादों के लिए जाना जाता था, लेकिन इस नए कदम से जिले का खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी पहचान बनाने की दिशा में अग्रसर है।
उत्तर प्रदेश सरकार की ODOP योजना, जो 2018 में शुरू की गई थी, प्रत्येक जिले की विशिष्ट पहचान और उत्पाद को बढ़ावा देने का एक महत्वाकांक्षी प्रयास है। प्रतापगढ़ में खाद्य प्रसंस्करण को शामिल करने का निर्णय जिले की कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था को और मजबूत करेगा।
आंवला, जो पहले से ही ODOP के तहत वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त कर चुका है, अब खाद्य प्रसंस्करण के साथ मिलकर जिले के आर्थिक विकास को नई गति प्रदान करेगा। इस कदम से स्थानीय स्तर पर आंवला-आधारित उत्पादों, जैसे जूस, मुरब्बा, चटनी और अन्य खाद्य पदार्थों के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई नीतिगत कदम उठा रहा है। ‘उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023’ के तहत राज्य में 4,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आकर्षित किया गया है, जिससे 65,000 से अधिक खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को लाभ हुआ है।
प्रतापगढ़ में इस नीति का लाभ अब स्थानीय उद्यमियों को मिलेगा, जो आधुनिक तकनीकों और बुनियादी ढांचे के सहयोग से अपने उत्पादों की गुणवत्ता और बाजार पहुंच को बढ़ा सकेंगे।
ODOP योजना के तहत खाद्य प्रसंस्करण को शामिल करने से प्रतापगढ़ में छोटे और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को विशेष प्रोत्साहन मिलेगा। सरकार द्वारा स्थापित सामान्य सुविधा केंद्र (CFCs) स्थानीय उत्पादकों को प्रशिक्षण, गुणवत्ता नियंत्रण और तकनीकी सहायता प्रदान करेंगे, जिससे उनके उत्पाद वैश्विक मानकों के अनुरूप हो सकेंगे।
इसके अतिरिक्त, ODOP प्रदर्शनियों, जैसे कि हाल ही में महाकुंभ 2025 में आयोजित प्रदर्शनी, ने प्रतापगढ़ के आंवला उत्पादों को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित किया है, जिससे बिक्री में 35 करोड़ रुपये की संभावना जताई गई है।
यह कदम न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि स्थानीय किसानों की आय में भी वृद्धि करेगा। खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के विस्तार से कृषि उपज का मूल्यवर्धन होगा, जिससे फसल नुकसान में कमी आएगी और किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्त होगा।
जिले में रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे, विशेष रूप से युवाओं और महिलाओं के लिए, जो आत्मनिर्भर भारत के विजन को साकार करने में योगदान देंगे। प्रतापगढ़ के उद्यमियों और किसानों ने इस निर्णय का स्वागत किया है। स्थानीय व्यवसायी मानते हैं कि ODOP के तहत खाद्य प्रसंस्करण का समावेश न केवल उनके व्यवसाय को विस्तार देगा, बल्कि जिले को एक प्रमुख खाद्य प्रसंस्करण केंद्र के रूप में स्थापित करेगा।
सरकार के इस कदम से प्रतापगढ़ अब वैश्विक बाजार में अपनी नई पहचान बनाने की ओर अग्रसर है, जो उत्तर प्रदेश की आर्थिक प्रगति में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।