छत्तीसगढ़ सिंधी पंचायत की कार्यकारिणी बैठक में लिये गए अहम फैसले
रायपुर, 18 मई 2025। छत्तीसगढ़ सिंधी पंचायत की कार्यकारिणी बैठक में अहम फैसले लिये गए। बैठक में निर्णय लिया गया कि छत्तीसगढ़ सिंधी पंचायत का नाम अब छत्तीसगढ़ पूज्य सिंधी पंचायत होगा। 18 मई को रायपुर के सिंधु पैलेस, शंकर नगर में छत्तीसगढ़ सिंधी पंचायत की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में रायपुर सहित प्रदेश भर से पंचायत के कार्यकारिणी सदस्य और पदाधिकारी शामिल हुए। बैठक में संविधान संशोधन, सदस्यता शुल्क, आजीवन सदस्यता और संगठनात्मक मजबूती जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान झूलेलाल की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। अध्यक्ष महेश दरयानी ने अपने उद्बोधन में कहा कि वर्तमान कार्यकारिणी समाज के प्रति किए गए वादों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने विश्वास जताया कि कार्यकाल समाप्त होने तक सभी लक्ष्य पूरे किए जाएंगे। पंचायत के संरक्षक अमर पारवानी ने समाज को राजनीतिक और प्रशासनिक क्षेत्रों में मजबूत उपस्थिति दर्ज करने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा, हमें अपने बच्चों को प्रशासनिक सेवाओं में प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि समाज की आवाज शासन और राजनीति में प्रभावी हो। कार्यकारिणी को बड़े और ठोस निर्णय लेने की जरूरत है, जो अन्य समुदायों के लिए भी प्रेरणा बने। बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर सहमति बनी।
इन महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर सहमति बनी
- सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि छत्तीसगढ़ सिंधी पंचायत का नाम अब छत्तीसगढ़ पूज्य सिंधी पंचायत होगा।
- सदस्यता शुल्क में वृद्धि और सदस्यों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया गया।
- आजीवन सदस्यता शुल्क बढ़ाने और हर तीन साल में आजीवन सदस्यों से सहयोग निधि लेने का प्रस्ताव भी पारित हुआ।
- यह भी तय हुआ कि अध्यक्ष पद के लिए केवल वही पात्र होंगे जो पंचायत के सक्रिय सदस्य हों या समाजसेवा में योगदान दे रहे हों।
संशोधन प्रस्तावों की दी गई जानकारी
संविधान संशोधन समिति के सदस्य कैलाश बालानी ने पूर्व संविधान के बिंदुओं पर संशोधन प्रस्तावों की जानकारी दी, जिसे कार्यकारिणी ने अनुमोदित किया। महासचिव बलराम आहूजा ने पंचायत के अब तक के कार्यों का विवरण प्रस्तुत किया, जिसमें सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। प्रदेश प्रवक्ता सुभाष बजाज ने बताया कि ये निर्णय समाज को संगठित और सशक्त बनाने में मील का पत्थर साबित होंगे।
बैठक में अमर पारवानी, मुरलीधर उदासी, महेश दरयानी, महेश रोहरा, बलराम आहूजा, अमित चिमनानी, रमेश मिरघानी, मन्नूमल पृथ्वानी, कैलाश बालानी, सुभाष बजाज, तनेश आहूजा, विकास रूपरेला, अनिल लाहोरी, अनूप मसंद, हेमा अमेसर, कनक खेमानी, चंचल बजाज, अमर चंदनानी, गौरव मंघानी, अनेश बजाज, सतीश छुगानी, प्रहलाद शादीजा, जीवत बजाज, कैलाश खेमानी, भारत चंदवानी, जीतू नेभवानी, गिरीश लहेजा, विक्रम केवलानी, प्रकाश सोनवानी, राजू चंदनानी, मनीष पंजवानी, रतन वलयानी, धनराज मध्यानी, सुरेश सिदारा, धनराज आहूजा, चंदू जसवानी, राकेश मंधानी, राजा माखीजा, संजय तेजवानी, गुरमुखदास वाधवा, इंदर थारानी, भीष्म गुरियानी, सुरेश फुटानी, मनीष आहूजा, सनी मलानी, निक्की दसवानी, प्रेम प्रकाश मध्यानी, संजय पोपटानी, रागीनी गोगीया, दिक्षा रॉमानी, दिपा सुखरामानी, हर्षा सुंगध, अजीत मोटवानी सहित प्रदेश भर के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन प्रहलाद शादीजा और तनेश आहूजा ने किया, जबकि आभार प्रदर्शन बलराम आहूजा ने किया। यह बैठक सिंधी समाज के सशक्तिकरण और संगठनात्मक एकता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।