जम्मू-कश्मीर के सांबा सेक्टर में सीमा सुरक्षा बल ने गुरुवार 8 मई 2025 की रात एक बार फिर अपनी सतर्कता और साहस का परिचय देते हुए घुसपैठ की बड़ी साजिश को नाकाम किया। बीएसएफ के जवानों ने सात आतंकवादियों को ढेर कर न केवल देश की सीमा की रक्षा की, बल्कि पाकिस्तान की नापाक मंशाओं को भी करारा जवाब दिया। यह घटना एक बार फिर इस बात को रेखांकित करती है कि भारत की सीमाएं सशक्त और सतर्क बलों के हाथों में सुरक्षित हैं।
बीएसएफ के प्रवक्ता के अनुसार, निगरानी ग्रिड को सांबा सेक्टर में घुसपैठ की कोशिश की भनक लगी थी। पाकिस्तानी रेंजर्स की ढांढर पोस्ट से आतंकवादियों को कवर फायर दिया जा रहा था, लेकिन बीएसएफ की त्वरित और निर्णायक कार्रवाई ने न सिर्फ घुसपैठ को विफल किया, बल्कि पाकिस्तानी चौकी को भी भारी नुकसान पहुंचाया। इस कार्रवाई का वीडियो जारी कर बीएसएफ ने अपनी पारदर्शिता और आत्मविश्वास को भी प्रदर्शित किया।
यह घटना भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच एक महत्वपूर्ण संदेश देती है। पाकिस्तान द्वारा बार-बार घुसपैठ और आतंकवादी गतिविधियों को प्रायोजित करने की कोशिशें कोई नई बात नहीं हैं। सांबा और कठुआ जैसे क्षेत्रों में सुरंगों के जरिए घुसपैठ और ड्रोन के माध्यम से हथियारों की तस्करी के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। हाल के वर्षों में, खासकर 2024 और 2025 में, जम्मू क्षेत्र में आतंकी हमलों में वृद्धि देखी गई है, जिनमें पहलगाम जैसे पर्यटक स्थलों पर निर्दोष लोगों को निशाना बनाया गया।
इन हमलों के पीछे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों का हाथ रहा है, जिन्हें पाकिस्तानी सेना का प्रत्यक्ष या परोक्ष समर्थन प्राप्त होता है। सांबा सेक्टर की यह घटना इस बात का प्रमाण है कि पाकिस्तान अपनी नीति में बदलाव लाने को तैयार नहीं है। बीएसएफ की इस कार्रवाई की सफलता के पीछे उनकी उन्नत निगरानी प्रणाली, प्रशिक्षण और समर्पण है। हाल के वर्षों में, बीएसएफ ने सीमा पर ब्लैक स्पॉट्स की पहचान, एंटी-ड्रोन सिस्टम की तैनाती और कंक्रीट दीवारों के निर्माण जैसे कदम उठाए हैं।
इन प्रयासों ने घुसपैठ को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। फिर भी, यह स्पष्ट है कि सीमा सुरक्षा के लिए केवल सैन्य ताकत पर्याप्त नहीं है। भारत को कूटनीतिक स्तर पर भी पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाने की जरूरत है, ताकि वह आतंकवाद को समर्थन देना बंद करे। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को और प्रभावी ढंग से उठाना होगा।
सांबा सेक्टर की यह घटना बीएसएफ के जवानों के अदम्य साहस और देशभक्ति का प्रतीक है। यह हमें याद दिलाती है कि शांति की कीमत चुकाने के लिए हमारे जवान हर पल तैयार हैं। सरकार और समाज का दायित्व है कि इन वीरों का सम्मान करें और उनकी जरूरतों को प्राथमिकता दें। साथ ही, यह समय है कि हम एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत करें। बीएसएफ की इस कार्रवाई ने सिद्ध कर दिया है कि भारत न केवल अपनी सीमाओं की रक्षा करने में सक्षम है, बल्कि हर चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भी तैयार है।