प्रतापगढ़, 18 मई 2025। जिला पंचायत सभागार, प्रतापगढ़ (Pratapgarh) में विश्व संवाद केंद्र द्वारा देवर्षि नारद जयंती के उपलक्ष्य में समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के प्रचार प्रमुख सुभाष मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। उनके साथ विभाग संघचालक रमेश चंद्र, जिला संघचालक चिंतामणि, वरिष्ठ साहित्यकार सुरेश संभव, विभाग प्रचार प्रमुख प्रभाशंकर पांडेय, जिला प्रचार प्रमुख अंकुर श्रीवास्तव, विभाग कायर्वाह हरीश, विभाग प्रचारक प्रवेश, जिला प्रचारक प्रवीण और जिला कायर्वाह हेमंत ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। समारोह की अध्यक्षता सुरेश संभव ने की, जबकि संचालन अंकुर श्रीवास्तव ने किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ देवर्षि नारद और भारत माता के चित्र पर दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। मुख्य वक्ता सुभाष ने अपने उद्बोधन में देवर्षि नारद को आद्य पत्रकार बताते हुए उनके जीवन को सामाजिक वैमनस्यता को समाप्त करने और सत्य-न्याय के मार्ग पर चलने की प्रेरणा का स्रोत बताया। उन्होंने कहा, नारद जी लगातार भ्रमणशील रहकर समाज को सत्य और न्याय के लिए जागरूक करते थे।
उनकी यह विशेषता उन्हें पत्रकारिता का प्रणेता बनाती है। सुभाष ने पत्रकारिता को जीवन के शाश्वत मूल्यों को संरक्षित करने का माध्यम बताया। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता सत्य को उजागर करती है, सामाजिक जागरूकता पैदा करती है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बढ़ावा देती है। यह लोकतंत्र की रीढ़ है और समाज को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
सुभाष ने भारतीय पत्रकारिता की आत्मा को राष्ट्रीयता से ओतप्रोत बताया। उन्होंने कहा, भारतीय मनीषा कहती है कि शील, चरित्र और शुचिता ही पत्रकारिता का आधार है। नारद जी का जीवन इस बात का प्रमाण है कि पत्रकारिता जिज्ञासा, संवाद और संवेदना का समन्वय है। उन्होंने पत्रकारों से आह्वान किया कि वे नारद जी के आदर्शों को अपनाकर समाज में रचनात्मक बदलाव लाएं।
प्रभाशंकर पांडेय ने विषय प्रवर्तन करते हुए नारद जी के लोकमंगलकारी कार्यों और पत्रकारिता में उनके योगदान पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में सह जिला संघचालक अशोक, कातिर्केय, सीतांशु, शिव शंकर सिंह, अजय, सुमित, अंकित, प्रिया त्रिपाठी, धर्मेंद्र, रवि, राघवेंद्र, शैलेश, अखिलेश, शिव प्रकाश सेनानी, ओम प्रकाश त्रिपाठी, रघुवीर, सतीश, रवीश, पवन, अमितेंद्र, शिवेश, महेश गुप्ता, रामेंद्र, रामचंद्र सहित समाज के कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। इनकी उपस्थिति ने समारोह को और गरिमामय बनाया।