लखनऊ, 8 मई 2025। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एकेटीयू) में गुरुवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब डिप्टी रजिस्ट्रार आरके सिंह कुलपति प्रोफेसर जय प्रकाश पाण्डेय के खिलाफ उनके केबिन के सामने धरने पर बैठ गए। सिंह ने कुलपति पर प्रतिशोधात्मक कार्रवाई करने का गंभीर आरोप लगाया है, जिसने विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
आरके सिंह का कहना है कि कुलपति ने व्यक्तिगत रंजिश के चलते उनके खिलाफ अनुचित कार्रवाई की है। उन्होंने बताया कि उनकी शिकायतों पर कोई सुनवाई नहीं हुई, जिसके बाद उन्हें धरने का रास्ता अपनाना पड़ा। सिंह ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर पारदर्शिता की कमी और पक्षपात का भी आरोप लगाया। उनका कहना है कि उनकी सेवाओं को नजरअंदाज कर गलत तरीके से उनके खिलाफ कदम उठाए गए। धरने की खबर फैलते ही विश्वविद्यालय परिसर में कर्मचारियों और छात्रों के बीच चर्चा का माहौल बन गया।
कुलपति प्रोफेसर जय प्रकाश पाण्डेय ने इन आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन नियमों के तहत काम करता है और किसी के खिलाफ व्यक्तिगत प्रतिशोध की कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने दावा किया कि डिप्टी रजिस्ट्रार के खिलाफ की गई कार्रवाई नियमानुसार और उचित जांच के बाद हुई है। हालांकि, कुलपति ने इस मामले में विस्तृत जानकारी देने से इनकार कर दिया।
विश्वविद्यालय के कर्मचारी संगठनों ने इस घटना पर मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है। कुछ ने डिप्टी रजिस्ट्रार के समर्थन में आवाज उठाई, जबकि अन्य ने प्रशासन के फैसले का समर्थन किया। इस घटना ने एक बार फिर एकेटीयू में प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही पर सवाल उठाए हैं। अब देखना यह है कि यह विवाद कैसे सुलझता है और क्या डिप्टी रजिस्ट्रार को न्याय मिल पाता है।