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भिक्खु महासंघ के स्वागत में गूंजा शांति, करुणा और मैत्री का संदेश

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लखनऊ, 22 जनवरी 2024। उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक शांति उपवन बुद्ध विहार में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय पावन भिक्खु महासंघ के स्वागत कार्यक्रम में भगवान बुद्ध के करुणा, मैत्री और शांति का संदेश गूंजा। इस भव्य आयोजन में स्थानीय स्तर पर समन्वय सेवा संस्थान के उपासकों और उपासिकाओं ने उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग और लाइट आॅफ बुद्ध धर्म फाउंडेशन इंटरनेशनल के तत्वावधान में महासंघ का स्वागत किया।

इस कार्यक्रम में ब्राजील, पुतर्गाल, ब्रिटेन, अमेरिका, जापान, थाईलैंड, कंबोडिया, श्रीलंका और म्यांमार सहित विभिन्न बौद्ध राष्ट्रों से आए श्रद्धालु उपासक और उपासिकाएं शामिल हुए। शोभायात्रा के दौरान भगवान बुद्ध के करुणा और शांति के संदेश को नगर पथ पर पैदल पथ संचालन के माध्यम से प्रसारित किया गया।

धम्मयात्रा के प्रमुख पड़ाव

यह धम्मयात्रा उत्तर प्रदेश के विभिन्न बौद्ध तीर्थ स्थलों पर जाएगी, जिसमें शामिल हैं:

संकिसा (18-19 जनवरी 2025): भगवान बुद्ध का देवलोक से अवतरण स्थल।
लखनऊ (20-21 जनवरी 2025): शांति उपवन बुद्ध विहार।
श्रावस्ती (22-23 जनवरी 2025): जेतवन।
कुशीनगर (24-26 जनवरी 2025): भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली।
सारनाथ (27-28 जनवरी 2025): धम्मेक स्तूप, जहां भगवान बुद्ध ने पहला उपदेश दिया।
कौशाम्बी (29-30 जनवरी 2025): घोषिताराम विहार।

बहन वंग्मो ने यूपी को बताया पुण्य भूमि

समारोह में अंतर्राष्ट्रीय त्रिपिटक काउंसिल की चेयरपर्सन बहन वंग्मो डिस्की (अमेरिका) ने भारत, विशेषकर उत्तर प्रदेश की भूमि को पुण्य की भूमि बताते हुए उत्तर प्रदेश सरकार और पर्यटन विभाग की सराहना की। उन्होंने कहा, बौद्ध स्थलों की दृष्टि से उत्तर प्रदेश विश्व का सबसे समृद्ध राज्य है। यह स्थान भगवान बुद्ध के जीवन और धम्म के प्रचार-प्रसार में केंद्रीय भूमिका निभाता है।

इस आयोजन में पंचशील के विशाल धम्मध्वज के साथ भव्य शोभायात्रा का शुभारंभ हुआ, जिसमें प्रतापगढ़, कानपुर, आजमगढ़, बरेली, प्रयागराज और रायबरेली सहित कई जनपदों के श्रद्धालु उपासक संघ ने भाग लिया। कार्यक्रम में उपस्थित श्रद्धालु भगवान बुद्ध के पवित्र वचनों, धम्मपद के संगायन में शामिल हुए।

धम्मयात्रा का उद्देश्य और संदेश

कार्यक्रम का उद्देश्य बौद्ध धर्म के करुणा, शांति और मैत्री के संदेश को जन-जन तक पहुंचाना है। साथ ही, यह यात्रा उत्तर प्रदेश के बौद्ध स्थलों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने और पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

प्रतिभागियों की उपस्थिति

इस अवसर पर प्रतापगढ़ और अन्य जनपदों के श्रद्धालुओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रमुख श्रद्धालुओं में जितेंद्र यादव, मनीष नेहा रंजन, संजय दीपशिखा, राहुल शमिर्ला देव, डॉ. राधेश्याम और अन्य विशिष्ट जन उपस्थित रहे।

उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग का सूत्रवाक्य, यूपी नहीं देखा तो इंडिया नहीं देखा, इस आयोजन में भी चरितार्थ हुआ। बौद्ध दृष्टिकोण से यह कहा जा सकता है कि, यूपी नहीं देखा तो बौद्ध तीर्थ ही नहीं किया।

Ramesh Pandey

मेरा नाम रमेश पाण्डेय है। पत्रकारिता मेरा मिशन भी है और प्रोफेशन भी। सत्य और तथ्य पर आधारित सही खबरें आप तक पहुंचाना मेरा कर्तव्य है। आप हमारी खबरों को पढ़ें और सुझाव भी दें।

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