रायपुर, 16 जून 2025। छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री यानि छॉलीवुड को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए राज्य में सिनेमाघरों की कमी को दूर करना और फिल्म निर्माण के लिए सब्सिडी प्रदान करना आवश्यक है। यह कहना है छत्तीसगढ़ी फिल्म निर्देशक और संगीतकार बाबला बागची का। रायपुर में एक विशेष मुलाकात के दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ी सिनेमा के सामने आने वाली चुनौतियों और संभावनाओं पर खुलकर बात की। बागची का मानना है कि यदि राज्य सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठाए, तो न केवल छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री मजबूत होगी, बल्कि पर्यटन और रोजगार के क्षेत्र में भी नई संभावनाएं खुलेंगी।
बाबला बागची ने बताया कि छत्तीसगढ़ी फिल्मों के विकास में सबसे बड़ी बाधा है सिनेमाघरों की कमी। उन्होंने अपने गृह क्षेत्र पखांजुर का उदाहरण देते हुए कहा, मेरे क्षेत्र में 120 किलोमीटर के दायरे में एक भी थियेटर नहीं है। ऐसे में दर्शकों को छत्तीसगढ़ी फिल्में देखने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है, जो व्यावहारिक नहीं है। उनका सुझाव है कि यदि राज्य सरकार सिनेमाघर खोलने वालों को सब्सिडी प्रदान करे, तो सिनेमाघर खोलने के लिए उद्यमी आगे आएंगे। सिनेमाघर होंगे तो दर्शकों की संख्या में वृद्धि होगी। दर्शकों की यह भागीदारी छत्तीसगढ़ी सिनेमा को आर्थिक और रचनात्मक रूप से मजबूत करेगी।
बागची ने आगे कहा कि सिनेमाघरों की स्थापना से न केवल फिल्म इंडस्ट्री को बल मिलेगा, बल्कि सरकार को मनोरंजन कर के रूप में राजस्व में भी वृद्धि होगी। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ी फिल्मों की लोकप्रियता बढ़ रही है, लेकिन सिनेमाघरों की कमी के कारण कई अच्छी फिल्में दर्शकों तक नहीं पहुंच पातीं। यदि हर जिले में कम से कम एक सिनेमाघर हो, तो स्थानीय दर्शक अपनी संस्कृति और भाषा से जुड़ी फिल्मों को देखने के लिए प्रेरित होंगे।
इसके अलावा, बागची ने छत्तीसगढ़ी फिल्मों के निर्माण में सरकारी सहायता की जरूरत पर भी जोर दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को फिल्म निर्माताओं को सब्सिडी प्रदान करनी चाहिए, लेकिन इसके बदले में कुछ शर्तें तय की जा सकती हैं।
उदाहरण के लिए, फिल्मों की शूटिंग छत्तीसगढ़ के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर करने की बाध्यता होनी चाहिए। इससे न केवल छत्तीसगढ़ के खूबसूरत स्थानों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी, बल्कि पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा।
बागची ने कहा, हमारी फिल्मों में छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परंपराएं और प्राकृतिक सौंदर्य को दिखाने की अपार संभावनाएं हैं। यदि सरकार इस दिशा में सहयोग करे, तो यह एक तीर से दो निशाने साधने जैसा होगा। बागची का यह भी मानना है कि छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री के विकास से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। फिल्म निर्माण से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों जैसे अभिनय, निर्देशन, सिनेमैटोग्राफी, संपादन और संगीत में युवाओं को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा, सिनेमाघरों के संचालन से भी स्थानीय लोगों के लिए नौकरियां सृजित होंगी।
उन्होंने कहा, हमारे युवा प्रतिभाशाली हैं, लेकिन अवसरों की कमी के कारण वे बाहर जा रहे हैं। यदि हम अपनी फिल्म इंडस्ट्री को मजबूत करें, तो हम अपने युवाओं को यहीं रोजगार दे सकते हैं। बागची ने सरकार से अपील की कि वह छत्तीसगढ़ी सिनेमा को बढ़ावा देने के लिए एक ठोस नीति बनाए। उन्होंने कहा कि सिनेमाघरों की स्थापना और सब्सिडी योजनाओं के साथ-साथ फिल्म फेस्टिवल और पुरस्कार समारोह जैसे आयोजन भी छत्तीसगढ़ी सिनेमा को नई पहचान दे सकते हैं। उनके अनुसार, यदि सरकार और फिल्म इंडस्ट्री मिलकर काम करें, तो छत्तीसगढ़ी सिनेमा न केवल राज्य बल्कि देशभर में अपनी छाप छोड़ सकता है।
अंत में, बागची ने उम्मीद जताई कि छत्तीसगढ़ी सिनेमा का भविष्य उज्ज्वल है, बशर्ते उसे सही दिशा और सहयोग मिले। उनके सुझाव न केवल छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक रोडमैप प्रस्तुत करते हैं, बल्कि यह भी दर्शाते हैं कि संस्कृति, पर्यटन और अर्थव्यवस्था को एक साथ जोड़कर राज्य को नई ऊंचाइयों तक ले जाया जा सकता है।