आयुष विभाग उन मरीजों तक भी इलाज पहुंचा रहा है, जो शारीरिक अक्षमता या अन्य कारणों से अस्पताल नहीं आ सकते
रायपुर, 23 मई 2025। छत्तीसगढ़ में आयुष विभाग आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को जन-जन तक पहुंचाने में उल्लेखनीय सफलता हासिल कर रहा है। शुक्रवार 23 मई को आयुष विभाग के संयुक्त संचालक डॉ. सुनील दास के नेतृत्व में भिलाई, दुर्ग और गरियाबंद जिले के आयुष्मान अस्पतालों और आरोग्य मंदिरों का पीआईबी के सहयोग से मीडिया टीम ने दौरा किया। इस दौरान आयुर्वेद के प्रति लोगों का बढ़ता रुझान और विभाग की प्रभावी पहल स्पष्ट रूप से देखने को मिली।
आयुष्मान अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं और गठिया जैसी बीमारियों से जूझ रहे वरिष्ठ नागरिकों की बड़ी संख्या में उपस्थिति देखी गई। ये लोग आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति को अपनाकर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। खास बात यह है कि आयुष विभाग उन मरीजों तक भी इलाज पहुंचा रहा है, जो शारीरिक अक्षमता या अन्य कारणों से अस्पताल नहीं आ सकते। विभाग ने ऐसे मरीजों को चिन्हित कर उनके घर तक आयुर्वेदिक दवाइयां और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की व्यवस्था की है।
डॉ. सुनील दास ने बताया कि आयुष विभाग का लक्ष्य आयुर्वेद को हर गांव और घर तक पहुंचाना है। इसके लिए आरोग्य मंदिरों में नि:शुल्क परामर्श, योग सत्र और जागरूकता शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। भिलाई के एक आयुष्मान अस्पताल में गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष औषधीय उपचार की सुविधा उपलब्ध है, जिससे प्रसव प्रक्रिया में सहायता मिल रही है। वहीं, दुर्ग में गठिया रोगियों के लिए हर्बल दवाओं और पंचकर्म थेरेपी का उपयोग किया जा रहा है, जिससे मरीजों को दर्द से राहत मिल रही है।
गरियाबंद के छुरा ब्लाक अंतर्गत अकलवारा ग्राम पंचायत में स्थित आरोग्य मंदिर में स्थानीय लोगों ने बताया कि आयुर्वेदिक उपचार से न केवल उनकी बीमारियां कम हुई हैं, बल्कि जीवनशैली में भी सकारात्मक बदलाव आया है। विभाग की इस पहल से ग्रामीण क्षेत्रों में भी आयुर्वेद के प्रति विश्वास बढ़ा है। आयुष विभाग की यह मुहिम न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बना रही है, बल्कि प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति को नई ऊंचाइयों तक ले जा रही है।