रायपुर, 9 मई 2025। एक्सिस मैक्स लाइफ इंश्योरेंस लिमिटेड ने अपने फ्लैगशिप इंडिया प्रोटेक्शन कोशेंट (आईपीक्यू) सर्वे के सातवें संस्करण के निष्कर्ष जारी किए हैं, जो शहरी भारत की वित्तीय सुरक्षा की बदलती तस्वीर को दर्शाते हैं। कांतार, दुनिया की अग्रणी मार्केटिंग डाटा और एनालिटिक्स कंपनी, के सहयोग से 25 भारतीय शहरों में 6,360 परिवारों पर किए गए इस सर्वे ने वित्तीय जागरूकता और बीमा स्वामित्व में उल्लेखनीय प्रगति को उजागर किया है। रायपुर जैसे टियर-2 शहरों में बीमा अपनाने की दर में वृद्धि ने इस सर्वे को और भी महत्वपूर्ण बना दिया है।
सर्वे के मुताबिक, शहरी भारत का प्रोटेक्शन कोशेंट 2019 में 35 से बढ़कर 2025 में 48 तक पहुंच गया है, जो वित्तीय तैयारियों में निरंतर सुधार को दर्शाता है। जीवन बीमा स्वामित्व अब तक के उच्चतम स्तर 78% पर पहुंच गया है, जो बीमा उत्पादों में बढ़ते विश्वास को दिखाता है।
नॉलेज इंडेक्स, जो वित्तीय जागरूकता को मापता है, भी 61 से बढ़कर 63 हो गया है। विशेष रूप से, सात वर्षों में पहली बार, टर्म इंश्योरेंस खरीद में कवरेज ने प्रीमियम लागत को पीछे छोड़ दिया है। तीन-चौथाई शहरी भारतीय अब पर्याप्त कवरेज को प्राथमिकता देते हैं, जो दीर्घकालिक वित्तीय नियोजन के प्रति परिपक्व दृष्टिकोण को दर्शाता है।
रायपुर जैसे टियर-2 शहरों में जीवन बीमा स्वामित्व 62% से बढ़कर 66% हो गया है, जो महानगरों के साथ अंतर को कम करता है। दक्षिण भारत वित्तीय तैयारियों में अग्रणी बना हुआ है, जहां टर्म इंश्योरेंस स्वामित्व 37% तक पहुंचा है। पश्चिम भारत ने भी 41% टर्म प्लान स्वामित्व के साथ उल्लेखनीय प्रगति की है। हालांकि, पूर्वी भारत में जागरूकता बढ़ने (53% से 57%) के बावजूद स्वामित्व में कमी चिंता का विषय है।
एक्सिस मैक्स लाइफ के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर प्रशांत त्रिपाठी ने कहा, भरोसा टॉक्स पहल के तहत आईपीक्यू 7.0 भारत की वित्तीय मानसिकता को सामने लाता है। लागत के प्रति संवेदनशीलता से प्रोटेक्शन की जरूरतों की ओर बदलाव एक सकारात्मक संकेत है। फिर भी, लैंगिक असमानता और असंगठित क्षेत्रों में कम बचत क्षमता जैसे मुद्दों पर गहन हस्तक्षेप की जरूरत है। सर्वे में यह भी पाया गया कि बच्चों की शिक्षा (61%) और विवाह (44%) जैसे दीर्घकालिक लक्ष्य शहरी भारतीयों की वित्तीय प्राथमिकताओं में शीर्ष पर हैं।