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9 साल की आव्या आनन बिहार से जिमनास्टिक में रच रही इतिहास

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नई दिल्ली, 13 मई 2025। बिहार की नौ साल की आव्या आनन, खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में सबसे कम उम्र की जिमनास्ट बनकर सुर्खियां बटोर रही हैं। पटना की इस नन्ही प्रतिभा ने अपनी अनोखी शुरुआत से सभी का ध्यान खींचा है। आव्या की जिमनास्टिक यात्रा उनके लिविंग रूम से शुरू हुई, जहां उन्हें सिर के बल खड़े होकर, पैर हवा में लहराते हुए उछलना और झुकना पसंद था। हंसते हुए आव्या कहती है कि मुझे नहीं पता था कि जिमनास्टिक एक खेल है। मुझे बस उल्टा रहना अच्छा लगता था। उनके माता-पिता ने टेलीविजन पर डांस शो देखते समय उनकी फ्लिप और आर्च की प्रतिभा को पहचाना और उन्हें जिमनास्टिक की दुनिया से जोड़ा।

कक्षा 4 की छात्रा आव्या, जिनका नाम सूरज की पहली किरण का प्रतीक है, पटना की राइजिंग यूथ जिमनास्टिक अकादमी में कोच रोशन यादव के मार्गदर्शन में महज 18 महीनों से प्रशिक्षण ले रही हैं। इस कम समय में उन्होंने 2025 राज्य चैंपियनशिप में दो स्वर्ण और एक रजत पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।

अब खेलो इंडिया में कलात्मक जिमनास्टिक स्पर्धाओं में भाग ले रही आव्या कहती हैं, यह मेरा पहला खेलो इंडिया है। मैं दूसरों को हराने नहीं, बल्कि अपना सर्वश्रेष्ठ देने और नर्वस न होने पर ध्यान दे रही हूं। अगर इस बार पदक न मिला, तो अगली बार जीतूंगी। उनकी यह परिपक्वता और आत्मविश्वास किसी अनुभवी एथलीट को टक्कर देता है।

कोच रोशन यादव, जो स्वयं खेलो इंडिया योजना के उत्पाद और कोलकाता के SAI राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र के प्रशिक्षु रह चुके हैं, आव्या को विलक्षण प्रतिभा मानते हैं। रोशन ने कहा, उनका शरीर जिमनास्टिक के लिए बना है। वह तेजी से सीखती है और लंबे प्रशिक्षण में धैर्य दिखाती है। उनका मानना है कि इतनी कम उम्र में भी आव्या अनुभवी जिमनास्टों को कड़ी चुनौती दे सकती है। रोशन ने बिहार में जिमनास्टिक का स्तर ऊंचा करने के लिए अकादमी शुरू की, और आव्या उनके इस मिशन की सबसे चमकदार उम्मीद हैं।

आव्या की सफलता में उनके माता-पिता का अटूट समर्थन अहम है। यह समर्थन उन्हें उन कई लड़कियों से अलग करता है, जिन्हें ऐसे अवसर नहीं मिलते। आव्या की मां का मानना है कि उनकी बेटी एक दिन भारतीय जिमनास्टिक के क्षितिज पर चमकेगी।

आव्या का सपना साफ और प्रेरणादायक है: मैं एक जिमनास्टिक लड़की के रूप में जानी जाना चाहती हूं। वह न केवल अपने लिए, बल्कि हर उस छोटी लड़की के लिए रास्ता बना रही है, जो दुनिया को अलग नजरिए से देखने की हिम्मत रखती है। बिहार में जिमनास्टिक को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के रोशन के सपने में आव्या सूरज की पहली किरण बनकर उभर रही हैं।

Ramesh Pandey

मेरा नाम रमेश पाण्डेय है। पत्रकारिता मेरा मिशन भी है और प्रोफेशन भी। सत्य और तथ्य पर आधारित सही खबरें आप तक पहुंचाना मेरा कर्तव्य है। आप हमारी खबरों को पढ़ें और सुझाव भी दें।

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