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आपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद पीएम मोदी ने पाकिस्तान ही नहीं उनके मददगीरों को भी दी चेतावनी

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नई दिल्ली, 12 मई 2025। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई 2025 की शाम वही किया जिसका देश का हर नागरिक इंतजार कर रहा था। पीएम मोदी ने रात 8 बजे राष्ट के नाम संदेश दिया। इस संबोधन में उन्होंने पहलगाम की घटना से लेकर आपरेशन सिंदूर की सफलता और दुनिया को कूटनीतिक संदेश, सभी बिंदुओं पर विस्तार से अपना पक्ष रखा। प्रधानमंत्री मोदी ने यह संबोधन ऐसे समय में दिया जब 19 दिनों बाद पाकिस्तान और भारत के बीच नियंत्रण रेखा पर पूरी तरह से शांति रही।

पीएम मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक कार्रवाई, आपरेशन सिंदूर की सफलता और इसके वैश्विक महत्व पर प्रकाश डाला। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू हुए इस आपरेशन ने न केवल आतंकवादियों को सबक सिखाया, बल्कि पाकिस्तान को भी उसकी बौखलाहट और दुस्साहस का जवाब दिया।

पहलगाम हमला आतंक का क्रूर चेहरा

संबोधन की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी ने पहलगाम हमले से की। उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने एक बर्बर हमला किया, जिसमें निर्दोष नागरिकों को धर्म पूछकर उनके परिवारों और बच्चों के सामने निर्ममता से मार डाला गया। इस हमले ने न केवल भारत को, बल्कि पूरी दुनिया को झकझोर दिया। प्रधानमंत्री ने इस घटना को व्यक्तिगत रूप से गहरी पीड़ा देने वाला बताया। यह हमला न केवल आतंक का वीभत्स चेहरा था, बल्कि देश के सामाजिक सद्भाव को तोड़ने की साजिश भी थी। इस घटना ने देश को एकजुट किया और हर राजनीतिक दल, हर नागरिक आतंक के खिलाफ एक स्वर में खड़ा हुआ।

प्रधानमंत्री ने कहा, हमने आतंकवादियों को मिट्टी में मिलाने के लिए भारत की सेनाओं को पूरी छूट दे दी है। इस घटना के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कठोर और त्वरित कार्रवाई का संकल्प लिया, जिसका परिणाम ‘आपरेशन सिंदूर’ के रूप में सामने आया।

आपरेशन सिंदूर: न्याय की अखंड प्रतिज्ञा

आपरेशन सिंदूर भारत की आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का प्रतीक है। 6 मई की देर रात और 7 मई की सुबह भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों और उनके प्रशिक्षण केंद्रों पर सटीक हमले किए। इन हमलों ने आतंकवादियों के हौसले को तोड़ा और उनके बुनियादी ढांचे को तबाह कर दिया। प्रधानमंत्री ने इसे न्याय की अखंड प्रतिज्ञा करार देते हुए कहा कि भारत ने यह साबित कर दिया कि जब राष्ट्र एकजुट होता है और ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना से भरा होता है, तो फौलादी फैसले लिए जाते हैं और परिणाम हासिल किए जाते हैं।

100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया

भारतीय सेनाओं ने बहावलपुर और मुरीदके जैसे आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, जो वैश्विक आतंकवाद की ‘यूनिवर्सिटी’ के रूप में कुख्यात रहे हैं। इन ठिकानों का संबंध 9/11 से लेकर भारत में दशकों से हुए बड़े आतंकी हमलों से रहा है। आॅपरेशन सिंदूर में 100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया गया और आतंकी संगठनों की इमारतें खंडहर में तब्दील हो गईं। भारतीय ड्रोनों और मिसाइलों ने न केवल सटीकता से हमला किया, बल्कि पाकिस्तानी वायुसेना के उन एयरबेस को भी नुकसान पहुंचाया, जिन पर पाकिस्तान को बहुत घमंड था।

पाकिस्तान की बौखलाहट और दुस्साहस

भारत की इस कार्रवाई से पाकिस्तान घोर निराशा और बौखलाहट में डूब गया। उसने भारत की आतंकवाद विरोधी कारर्वाई का समर्थन करने के बजाय भारत पर हमला करने का दुस्साहस किया। पाकिस्तान ने भारत के स्कूलों, कॉलेजों, गुरुद्वारों, मंदिरों और सामान्य नागरिकों के घरों को निशाना बनाया। उसने भारतीय सैन्य ठिकानों पर भी हमले किए।

हालांकि, भारत के सशक्त एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान के ड्रोनों और मिसाइलों को आसमान में ही नष्ट कर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, पाकिस्तान की तैयारी सीमा पर वार की थी, लेकिन भारत ने पाकिस्तान के सीने पर वार कर दिया।

पाकिस्तान की इस हरकत ने उसे वैश्विक मंच पर और बेनकाब कर दिया। दुनिया ने देखा कि कैसे भारत ने न केवल आतंकवादियों को, बल्कि उनके सरपरस्तों को भी सबक सिखाया। पहले तीन दिनों में ही भारत ने पाकिस्तान को इतना नुकसान पहुंचाया कि वह बचने के रास्ते तलाशने लगा।

भारत का संयम

10 मई की दोपहर को पाकिस्तानी सेना ने भारत के डायरेक्टर जनरल आफ मिलिट्री आपरेशंस (डीजीएमओ) से संपर्क किया और आश्वासन दिया कि वह आगे कोई आतंकी गतिविधि या सैन्य दुस्साहस नहीं करेगा। उस समय तक भारत ने बड़े पैमाने पर आतंकी ढांचे को तबाह कर दिया था और पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को खंडहर में बदल दिया था।

प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत ने अपनी जवाबी कार्रवाई को अभी सिर्फ स्थगित किया है। उन्होंने कहा, आने वाले दिनों में हम पाकिस्तान के हर कदम को इस कसौटी पर मापेंगे कि वह क्या रवैया अपनाता है।

आतंक और व्यापार साथ नहीं

प्रधानमंत्री ने भारत की नीति को स्पष्ट करते हुए कहा, टेरर और ट्रेड एक साथ नहीं चल सकते, पानी और खून एक साथ नहीं बह सकता। उन्होंने विश्व समुदाय को संदेश दिया कि पाकिस्तान से कोई भी बातचीत केवल आतंकवाद और पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) के मुद्दे पर होगी।

प्रधानमंत्री ने बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर भगवान बुद्ध के शांति के संदेश का उल्लेख करते हुए कहा, शांति का मार्ग भी शक्ति से होकर जाता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मानवता को शांति और समृद्धि की ओर बढ़ने के लिए भारत का शक्तिशाली होना आवश्यक है। आवश्यकता पड़ने पर इस शक्ति का उपयोग भी उतना ही जरूरी है।

आपरेशन सिंदूर: भारत की नई रणनीति

आपरेशन सिंदूर ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति में एक नई लकीर खींच दी है। प्रधानमंत्री ने इसे सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक की तर्ज पर तीसरा बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा, अगर भारत पर हमला हुआ तो मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। हम अपने तरीके से, अपनी शर्तों पर जवाब देकर रहेंगे। यह आपरेशन भारत की सैन्य ताकत, तकनीकी क्षमता और रणनीतिक दृष्टिकोण का प्रमाण है।

प्रधानमंत्री ने न्यूक्लियर ब्लैकमेल के मुद्दे पर भी कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा, कोई भी न्यूक्लियर ब्लैकमेल भारत नहीं सहेगा। आतंकी ठिकानों पर भारत सटीक और निर्णायक प्रहार करेगा। उन्होंने आतंक की सरपरस्त सरकारों और आतंक के आकाओं को एक ही श्रेणी में रखते हुए स्पष्ट किया कि भारत इन दोनों को अलग-अलग नहीं देखेगा।

भारतीय सेनाओं के पराक्रम की प्रशंसा की

प्रधानमंत्री ने भारतीय सेनाओं, सशस्त्र बलों, खुफिया एजेंसियों और वैज्ञानिकों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, मैं उनकी वीरता, साहस और पराक्रम को देश की हर माता, बहन और बेटी को समर्पित करता हूं। भारतीय ड्रोन और मिसाइलों की सटीकता, एयर डिफेंस सिस्टम की ताकत और खुफिया एजेंसियों की सूचनाओं ने इस आपरेशन को सफल बनाया। यह भारत की तकनीकी और सैन्य उन्नति का भी प्रतीक है।

वैश्विक संदेश: आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस

प्रधानमंत्री ने वैश्विक समुदाय को संबोधित करते हुए कहा, यह युग युद्ध का नहीं है, लेकिन यह युग आतंकवाद का भी नहीं है। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ को एक बेहतर दुनिया की गारंटी बताया। भारत की यह कार्रवाई न केवल पाकिस्तान के लिए, बल्कि उन सभी देशों और संगठनों के लिए एक चेतावनी है जो आतंकवाद को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से समर्थन देते हैं।

शांति के लिए शक्ति

आपरेशन सिंदूर भारत की आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ता और शांति के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह न केवल एक सैन्य कार्रवाई थी, बल्कि भारत की एकजुटता, संयम और शक्ति का प्रदर्शन भी था। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि भारत शांति चाहता है, लेकिन यह शांति ताकत के बिना संभव नहीं है।

भारत की तीनों सेनाएं अलर्ट पर

भारत की तीनों सेनाएं अलर्ट पर हैं और आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति अब और सख्त हो चुकी है। आपरेशन सिंदूर ने यह साबित कर दिया कि भारत न केवल अपने नागरिकों की रक्षा करने में सक्षम है, बल्कि आतंकवाद के वैश्विक नेटवर्क को भी ध्वस्त करने की ताकत रखता है। यह भारत के ‘विकसित भारत’ के सपने की ओर एक और कदम है, जहां शांति, समृद्धि और सुरक्षा हर नागरिक का अधिकार हो।

Ramesh Pandey

मेरा नाम रमेश पाण्डेय है। पत्रकारिता मेरा मिशन भी है और प्रोफेशन भी। सत्य और तथ्य पर आधारित सही खबरें आप तक पहुंचाना मेरा कर्तव्य है। आप हमारी खबरों को पढ़ें और सुझाव भी दें।

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