रायपुर, 4 मई 2025। नैतिक पत्रकारिता और जनसेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए द हितवाद (रायपुर संस्करण) के समाचार संपादक और वरिष्ठ खोजी पत्रकार मुकेश एस. सिंह को नई दिल्ली के संविधान क्लब आॅफ इंडिया में आयोजित यूडीएफकॉन 2025 में डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री तथा युवा कार्य एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने किया। उन्होंने उद्घाटन सत्र में पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी, लेकिन राष्ट्रीय व्यस्तताओं के कारण उन्हें बीच में जाना पड़ा। इसके बाद वरिष्ठ यूडीएफ पदाधिकारियों ने मुकेश एस. सिंह को यह सम्मान विधिवत प्रदान किया।
डॉ. मांडविया ने कहा, कोविड-19 के दौरान डॉक्टरों ने प्रहरी की तरह देश की सेवा की। उनकी प्रतिबद्धता भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को साकार करेगी।
सम्मेलन में चिकित्सा और मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र की कई गंभीर चुनौतियों पर चर्चा हुई। प्रो. (डॉ.) बी. श्रीनिवास, उप महानिदेशक (मेडिकल एजुकेशन), डीजीएचएस, ने मेडिकल छात्रों की लंबित समस्याओं के समाधान के लिए सरकार के बहुस्तरीय प्रयासों पर प्रकाश डाला।
डॉ. अरविंद के. ड्रावे, वरिष्ठ सलाहकार, पीजीएमईबी, एनएमसी, ने मेडिकल कॉलेजों में रैगिंग और अकादमिक दबाव के कारण बढ़ती आत्महत्या की प्रवृत्ति पर चिंता जताई। इस मुद्दे का समर्थन करते हुए प्रो. (डॉ.) ओम प्रकाश, उप चिकित्सा अधीक्षक, आईएचबीएएस, ने संस्थागत मानसिक स्वास्थ्य नीति की आवश्यकता पर जोर दिया। प्रो. (डॉ.) नीमेश जी. देसाई, पूर्व निदेशक, आईएचबीएएस, ने छात्रों के लिए पूर्वानुमानात्मक मानसिक सुरक्षा ढांचे की वकालत की।
कानूनी चुनौतियों पर बोलते हुए डॉ. सुनील खत्री, सुप्रीम कोर्ट के मेडिकोलीगल विशेषज्ञ, और डॉ. चारु माथुर, सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता, ने चिकित्सकों और मेडिकल छात्रों पर बढ़ते कानूनी मामलों पर चिंता व्यक्त की और मजबूत कानूनी सुरक्षा की मांग की। इन चर्चाओं ने चिकित्सा क्षेत्र की जटिल समस्याओं को राष्ट्रीय मंच पर उजागर किया।
यूडीएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और आयोजन अध्यक्ष डॉ. लक्ष्य मित्तल ने धन्यवाद ज्ञापन में कहा, मुकेश एस. सिंह की पत्रकारिता सत्ता को सच और साहस के साथ चुनौती देती रही है। यह सम्मान जनहित पत्रकारिता का प्रतीक है, जो लोकतांत्रिक विमर्श को मजबूत करता है।
यूडीएफकॉन 2025 ने न केवल स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की आवाज को मंच प्रदान किया, बल्कि तंबाकू मुक्त भारत, मेडिकोलीगल जागरूकता, और सार्वजनिक स्वास्थ्य सुधार जैसे अभियानों को भी बढ़ावा दिया। इस अवसर पर यूडीएफ की राष्ट्रीय कोर टीम के सदस्य, जिनमें डॉ. अरुण कुमार, डॉ. यगिका पारीक, डॉ. भानु कुमार, डॉ. राकेश बेनीवाल, और अन्य शामिल थे, उपस्थित रहे।
मुकेश एस. सिंह ने सम्मान ग्रहण करते हुए कहा, यह पुरस्कार मेरे लिए एक जिम्मेदारी है कि मैं जनता की आवाज को और मजबूती से उठाऊं। यह सम्मान छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का क्षण है और पत्रकारिता के क्षेत्र में एक प्रेरणा है।